VVPAT पर्चियों से मिलान करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ECI से माँगा जबाब
VVPAT पर्चियों से मिलान करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ECI से माँगा जबाब, EVM में पड़े सभी वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से करना चाहिए। फिलहाल निर्वाचन क्षेत्र के रैंडम्ली 5 EVM का ही VVPAT से मिलान होता है।
नई दिल्ली: VVPAT मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की सबसे बड़ी याचिका स्वीकार कर ली है। याचिका पर सोमवार (1 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले पर अब 17 मई को सुनवाई होगी।
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दरअसल, एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल की ओर से अगस्त 2023 में लगाई गई याचिका में मांग की गई थी कि EVM में पड़े सभी वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से करना चाहिए। फिलहाल निर्वाचन क्षेत्र के रैंडम्ली 5 EVM का ही VVPAT से मिलान होता है।
फिजिकली वेरिफाई हो
साथ ही याचिका में कहा गया है कि वोटर्स को VVPAT की पर्ची फिजिकली वेरिफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलेट बॉक्स में पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी। याचिका के अनुसार चुनाव आयोग ने लगभग 24 लाख वीवीपैट खरीदने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन केवल 20,000 वीवीपैट की पर्चियों का ही वेरिफिकेशन होता है।
इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि फिलहाल हर निर्वाचन क्षेत्र में एक के बाद 5 EVM का वीवीपैट से मिलान होता है। इन पाचों EVM का मिलान एक साथ नहीं किया जाता, जिससे रिजल्ट घोषित करने में अतिरिक्त समय लगता है। इसलिए हर क्षेत्र में वोटों के मिलान के लिए अधिकारियों की तैनाती बढ़ानी चाहिए, जिससे 5-6 घंटे में पूरा वेरिफिकेशन हो जाए।