बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी फेल, भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ ने राज्य सरकार से शराबबंदी समाप्त करने का किया आग्रह
- भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ ने बिहार सरकार से राज्य में शराबबंदी समाप्त करने का आग्रह किया है।
- परिसंघ ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ (CIABC) ने बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार से राजस्वय भी खत्म हो रहा है
पटना: परिसंघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के बिना महिलाओं की मदद करने के उनके घोषित लक्ष्यों को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने का सुझाव दिया है। राजग के घटक दलों- जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय जनता पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और विकासशील इंसान पार्टी के नेताओं को लिखे अपने पत्र में सीआईएबीसी ने कहा है कि बिहार शराबबंदी नीति की भारी कीमत चुका रहा है।
बता दे बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी भी असफल है क्योंकि आए दिन सोशल मीडिया पर देखने के लिए तस्वीर मिल रही है और अगर बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी होती तो जहरीली शराब से इतना ज्यादा मौत नहीं होती और बिहार सर सरकार को राजस्व भी नुकसान हो रहा है और जो माफिया हैं उनको फायदा पहुंचता है और कहीं ना कहीं मंत्री की आड़ में माफिया का एक हाथ है जो इस काम को बढ़ाने में और बिहार में शराब को बंद करने में पूर्ण रूप से असफल है।
वही मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में शराब पीने से होने वाली हानि को लेकर वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने दुनिया भर का सर्वे कराकर रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके बाद भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि शराब कितनी बुरी चीज है।।