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मध्य प्रदेश: आदिवासी परिवार के तीन सदस्यों की गाला रेतकर हत्या, महिला का सिर काटकर एक किलोमीटर दूर पेड़ पर लटकाया

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मंडला जिले में आदिवासियों की हत्या लगातार बढ़ती जा रही है। 3 मई को  की सिवनी में  लिंचिंग के 12 दिन बाद   मंडला जिले के  मोहगांव प्रखंड में सोमवार देर रात एक आदिवासी परिवार के तीन सदस्यों की 12 साल की बच्ची समेत हत्या कर दी गयी। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना में हत्यारें महिला का सिर काटकर  घटना स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर आम के पेड़ पर लटका दिया। आदिवासी कोटे से केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के गृह जिले में हुई इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट भी किया और प्रदेश के गृह मंत्री पर निशाना साधा।

मिली जानकारी के अनुसार घटना मोहगांव थाना क्षेत्र के पटादेही बोडासिली गांव की है, जब 62 वर्षीय नरबद सिंह वारकड़े, उनकी पत्नी सुकृति बाई और उनकी 12 वर्षीय पोती महिमा अपने घर की छत पर सो रहे थे। नर्बद सिंह और महिमा दोनों का गला काटा गया जबकि सुकृति बाई का सिर काट दिया गया। पुलिस को संदेह है कि सिर काटने वाली महिला सुकृति बाई वारकाडे द्वारा जादू टोना के संदेह में परिवार के सदस्यों द्वारा हत्याएं की गईं। मंडला के पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत ने  “हमने दो लोगों को हिरासत में लिया है और हम मामले को सुलझाने के करीब हैं।”

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पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत के अनुसार  जिस पेड़ पर सुकृति बाई का सिर लटका हुआ था, वह परिवार के खेत में था और यह वही पेड़ था जिसके नीचे मृतक महिला खेत की रखवाली करने बैठी थी। “शुरुआती जांच के अनुसार, ऐसे संकेत हैं कि सुकृति बाई पर काला जादू या जादू टोना करने का संदेह था और यह हत्याओं का कारण हो सकता है। हम अधिक जानकारी के लिए हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रहे हैं।

कांग्रेस ने भाजपा  सरकार पर बोला हमला

वही इस घटना को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा। उन्होंने  आदिवासी लोगों के जीवन और सम्मान को बचाने में विफल रहने के लिए राज्य में भाजपा सरकार पर हमला किया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि आदिवासी परिवारों पर जुल्म बढ़ते जा रहे है। ऐसे हालातों में सूबे के गृह मंत्री को त्याग पत्र नहीं दे देना चाहिए? मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है और मुख्यमंत्री में भी गृहमंत्री से त्याग पत्र मांगने का साहस नहीं है।

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